70 के आसपास वाराणसी से प्रकाशित सांध्य दैनिक ‘गांडीव’ से पत्रकारिता शुरू की। जो तीस वर्षों तक अनवरत चली। इस दौरान देशदूत, अमृत प्रभात (इलाहाबाद), दैनिक जागरण (इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली), स्वतंत्र भारत (वाराणसी) और संवाद केसरी (बरेली) में महत्वपूर्ण पदों पर रहा। फिलहाल स्वतंत्र लेखन कर रहा हूं।
प्रकाशित कृतियां
कविता/गीत- तबतक के लिए, गूंजने दो उसे, तिनका तिनका घोसला
उपन्यास- ननकी, कीरतराम पत्रकार, संपादक कीरतराम, खबर की औकात,
फांसी से पूर्व ( शहीद रामप्रसाद बिस्मिल पर उपन्यास),
शहीद ए आजम ( शहीद भगत सिंह पर उपन्यास),
शहादत (शहीद चंद्रशेखर आजाद पर उपन्यास),
बंजर, कीचकाच, एक थी रूचि,
कहानी- पांच लंबी कहानियां, सपाट चेहरे वाला आदमी, धर्मयुद्ध
पत्रकारिता पर पुस्तकें- हिंदी पत्रकारिता के नए प्रतिमान, पराड़कर और हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियां, हिंदी पत्रकारिता का नया स्वरुप, आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और पत्रकारिता, पत्रकारिता का कृष्णपक्ष
वैचारिकी- भारत में जातिप्रथा और दलित ब्राह्मणवाद, विश्वनाथ प्रताप सिंह – कैसे पहुंचे वोट की राजनीति तक
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